Friday, October 14, 2011

जीवन क्या है ...

जीवन क्या है चलता फिरता एक खिलोना है,
दो आंखों में एक से हँसाना एक से रोना है..

जो जी चाहे वो मिल जाये कब ऐसा होता है,
हर जीवन जीवन जीने का समझौता है,
अब तक जो होता आया है वो ही होना है..

रात अँधेरी भोर सुहानी यही ज़माना है,
हर चादर में दुःख का ताना सुख का बाना है,
आती सांस को पाना जाती सांस को खोना है.....

- writer - dont know

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