दिलों में तुम अपनी बेताबियां लेके चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम
नझर मे ख्वाबों की बिजलियां ले के चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम
हवा के झोंको के जैसे आझाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे लेहेरों में बहना सीखो
हर एक पळ एक नया समा देखे ये निगाहें
जो अपनी आंखो में हैरानियां लेके चल रहे हो तुम ... तो जिन्दा हो तुम ...
दिलों में तुम अपनी बेताबियां लेके चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम ...............
नझर मे ख्वाबों की बिजलियां ले के चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम
हवा के झोंको के जैसे आझाद रहना सीखो
तुम एक दरिया के जैसे लेहेरों में बहना सीखो
हर एक पळ एक नया समा देखे ये निगाहें
जो अपनी आंखो में हैरानियां लेके चल रहे हो तुम ... तो जिन्दा हो तुम ...
दिलों में तुम अपनी बेताबियां लेके चल रहे हो तो जिन्दा हो तुम ...............
- जावेद अख्तर from the movie " जिन्दगी ना मिलेगी दुबारा .."
ys friends .... એક વાર આ મુવી જોવા જેવુ છે .. ઈન્ફેક્ટ કેટલાક ડાયલોગ્સ સમજ્વા જેવા છે. જેમકે , ..
હંમેશા ૪૦ વર્ષ પછી રીટાયર્મેન્ટ પછી જ લાઈફને એન્જોય કરવાના પ્લાન કરવાવાળા રિતિક્ ને કેટરીના સીધો જ સવાલ કરે છે કે ," ૪૦ વર્ષ સુધી તુ જીવવાનો છે એની તને ખબર છે ?" ..... અને ... "પૈસા કમાવાથી જ તને સહુથી વધુ ખુશી મળે છે તો તારી સેલરી લેતી વખતે તારી આંખમાં આંસુ (ખુશીના) આવે છે ક્યારેય? "
અને ખુલ્લા આકાશ નીચે આડા પડીને રીતીક રોશન કહે છે કે "આપણે આમ સ્ટુપીડ ની જેમ અહીં શુ કરીએ છીએ ?" ત્યારે પણ કેટરીનાના મોઢે અદભુત ડાયલોગ બોલાવડાવ્યો છે કે ," જેણે આખી લાઈફ્માં ખુલ્લા આકાશ નીચે સૂઈને આમ તારા જોયા નથી એનાથી વધારે સ્ટુપીડ દુનિયામા બીજુ કોઈ નહી હોય ! " ...
" इक बात होठों तक है जो आई नहीं
बस आँखों से है झांकती
तुमसे कभी , मुझसे कभी
कुछ लफ्ज़ हैं वो मांगती
जिनको पहन के होंठों तक आ जाए वो
आवाज़ की बाहों में बाहें डाल के इठलाये वो
लेकिन जो ये इक बात है
एहसास ही एहसास है
खुशबू सी है जैसे हवा में तैरती
खुशबू जो बे-आवाज़ है
जिसका पता तुमको भी है
जिसकी खबर मुझ को भी है
दुनियां से भी छुपता नहीं
ये जाने कैसा राज़ है ... " ....
बस आँखों से है झांकती
तुमसे कभी , मुझसे कभी
कुछ लफ्ज़ हैं वो मांगती
जिनको पहन के होंठों तक आ जाए वो
आवाज़ की बाहों में बाहें डाल के इठलाये वो
लेकिन जो ये इक बात है
एहसास ही एहसास है
खुशबू सी है जैसे हवा में तैरती
खुशबू जो बे-आवाज़ है
जिसका पता तुमको भी है
जिसकी खबर मुझ को भी है
दुनियां से भी छुपता नहीं
ये जाने कैसा राज़ है ... " ....
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जब जब दर्द का बादल छाया
जब गम का साया लहरायाँ
जब आसूं पलकों तक आया
जब यह तनहा दिल घबराया
हमने दिल को ये समझाया
दिल आखिर तू क्यूं रोता हैं
दुनिया में यही होता हैं
ये जो गहरें सन्नाटे है
वक़्तने सबको ही बाटे हैं
थोडा गम है सबका हिस्सा
थोड़ी धुप है सबका हिस्सा
आंख तेरी बेकार ही ना बहें
हर पल एक नया मौसम हैं
क्यूँ तू ऐसे बल खोता है
दिल आखिर तू क्यूँ रोता है ......
... njoy today ... because " આ ક્ષણો, આ પળ, આ દિવસો વળીને પાછા નથી આવવાના ... આ લાઈફ પણ ફરીથી નથી મળવાની ... " so live lively today's life ...
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